अगर आप अक्सर बहुत अधिक सोचते हैं और ये आपको बुरा लगता है तो इस लेख में जानें कि How to Stop Overthinking and Relax। यहां आप जानेंगे कि how to control overthinking
ज्यादा सोचना क्या होता है || How to Stop Overthinking and Relax
कई बार हमने देखा होगा कि बहुत से लोग इतने टैलेंटेड होते हुए भी खुद को कमतर आंकते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि वे ऐसा क्यों सोचते हैं? वे खुद को कमतर क्यों समझते हैं?
कई बार अक्सर हम अपने विचारों में खो जाते हैं
और हमें अनगिनत बेतुकी सोचों का सामना करना पड़ता है,
जिस वजह से हमें अधिक चिंता होती है।
जरुरी यही है कि इस ओवरथिंकिंग को रोकने के लिए,
पहले हमें अपनी सोच को जानना और समझना होगा।
हमें यह जानना जरुरी होगा की हमारी सोच किस तरह से काम करती है
और हम इसे यानि की ओवरथिंकिंग को कैसे रोक सकते हैं।
ध्यान देने योग्य विचारों को बदलने के लिए, हमें ध्यानाभ्यास,
मेडिटेशन, योग जैसी तकनीकों का सहारा लेना चाहिए।
ये तकनीकें हमें अपनी सोच को शांत करने, ध्यान में लाने और एकाग्रता में मदद करती हैं।
समय-समय पर विचारों को व्यक्त करना और उन्हें नोट करना भी फायदेमंद हो सकता है।
ये बहुत ही जरुरी है कि समय समय पर विचारों को समझा जाए और व्यक्ति किया जाए
और उन्हें नोट करना भी फायदेमंद हो सकता है।
फलस्वरूप हम अपने विचारों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं
और उन्हें सही दिशा में ले जाने की और कदम उठा सकते हैं।
अब आप पूछेंगे कि कैसे ओवरथिंकिंग को रोकें
जो व्यक्ति अपने अंदर छिपे हुनर को पहचान लेता है वह आगे बढ़ जाता है,
लेकिन जो व्यक्ति अपने अंदर छिपे हुनर को नहीं पहचानता वह निकम्मे इंसान कहलाता है
क्योंकि उसे पता नहीं होता कि ज्यादा सोचने से कैसे बचा जाए।
खुद को पहचानिये की आप हैं ख़ास || How to Stop Overthinking and Relax
आपको यह समझना होगा कि आप खास हैं, इसलिए खुद को बेकार समझना बंद करें और जानें कि ओवरथिंकिंग से कैसे छुटकारा पाया जाए। अपने लिए खेद महसूस करना बंद करें, कभी-कभी ऐसा होता है कि हम भावुक हो जाते हैं लेकिन अपने लिए खेद महसूस करने के बजाय, अपनी भावुकता को नियंत्रित करना सीखें। अपनी भावनाओं से अवगत होना कोई बुरी बात नहीं है। कुछ आदतें हमें सुकून देती हैं लेकिन फिर भी वे हमें सच्चे सुख से दूर रखती हैं।
ज्यादा सोचना और चिंता करना कैसे बंद करें
दूसरों को दोष देना बंद करो || How to Stop Overthinking and Relax
हम मुसीबतों से बचने की कोशिश करते हैं और अक्सर खुद को बचाने के लिए हम अपनी गलतियों को दूसरों पर थोप देते हैं, जो कि हमारी नजर में पूरी तरह से गलत है। यह तब होता है जब हम इससे छुटकारा पाने के बारे में सोचते हैं तो आपको यह जानना होगा कि कैसे अधिक सोचना और चिंता करना बंद करना है।
दूसरों को दोष देते समय हम यह भूल जाते हैं कि दूसरों की भी भावनाएँ होती हैं, उन्हें भी दुख होता है। अगर आप भी अपनी इस आदत को पहचानते हैं और छोड़ना चाहते हैं तो आज दूसरों को दोष देने की आदत छोड़ दें।
अगर हम अपनी इस आदत को नहीं छोड़ेंगे तो लोग हमसे दूर भागने लगेंगे।
चिंता और अत्यधिक सोच से कैसे निपटें
पहचानिये परेशानी की असली वजह को
हम अक्सर अपनी परेशानियों और समस्याओं में इतने मशगूल हो जाते हैं
और कभी यह नहीं जान पाते कि चिंता और अति-विचार से कैसे निपटा जाए
कि कई बार हम समस्या के कारण को नहीं पहचान पाते।
ऐसे में जरूरत है खुद से बात करने की,
हां, अगर कभी हम ऐसी स्थिति में होते हैं जहां हमें समझ ही नहीं आता
कि क्या सही है और क्या गलत, तो खुद से बात करने की जरूरत है।
जब हम खुद से बात करते हैं तो यकीन मानिए दुनिया में आपको सबसे अच्छा समाधान मिलता है,
उसके बाद आपके मन में कोई भ्रम या कोई शिकायत नहीं होती है,
यह निर्भर करता है कि आप कितनी जल्दी उस बात को स्वीकार कर लेते हैं।
दोस्तों , ज़िन्दगी में ऐसी कई उलझने हमारे सामने आएँगी जिनका सामना हमे ही
करना है कोई और आके हमारी परेशानियों को कम नहीं करने वाला |
उलझनों को सुलझाने का बस एक ही सबसे बेस्ट फार्मूला है
की खुद से बात करिये और अपनी प्रोब्लेम्स को पहचानिये इसी से ही बात बनेगी |
क्युकी सबसे ज्यादा खुद को कोई जानता है तो वो आप ही हैं |
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Nice
thank you