What is Regret :- पछतावा यानि की आत्म ग्लानि एक ऐसा शब्द है
जो हमे हमारी लाइफ के उन गलतियों की याद दिलाता है जो हम अपने
पास्ट में कर चुके हैं मगर उसकी tease कहीं ना कहीं आज भी हमारे दिलो दिमाग में कायम है
What is the Meaning of Regret
पछतावा यानि की आत्म ग्लानि एक ऐसा शब्द है
जो हमे हमारी लाइफ के उन गलतियों की याद दिलाता है
जो हम अपने पास्ट में कर चुके हैं मगर उसकी tease
कहीं ना कहीं आज भी हमारे दिलो दिमाग में कायम है,
पछतावा एक ऐसा संताप या दुःख है जो हमारे द्वारा पास्ट
में किये गए किसी काम को बुरा समझने पर होता है ये
वो आत्म ग्लानि है जो किसी बुरे काम को अंजाम देने के बाद होती है।
रिया के दादा एक बहुत बड़े व्यवसायी थे, उन्होंने अपने जीवन में बहुत धन और प्रसिद्धि अर्जित की और कई लोगों को रोजगार देकर अपना जीवन बनाया, लेकिन कहीं न कहीं उन्हें इस पर बहुत गर्व हुआ और वे जीवन भर इसी अभिमान में रहे। उनकी वजह से कई लोगों के घर बने।
लेकिन अपने जीवन काल में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, इसके बाद भी उन्हें इस बात का पछतावा नहीं हुआ कि उन्होंने अपने अहंकार के कारण अक्सर कई लोगों का दिल दुखाया है। उनका पूरा जीवन उनके “नो रिग्रेट” फॉर्मूले का पालन करता था, लेकिन जब उनका अंत समय निकट आया, तो उन्होंने अपने किए पर पछतावा किया और इसके लिए माफी मांगी।
तो आज हो या कल, जब किसी मोड़ पर आपको पछताना पड़े तो क्यों न इसे स्वीकार करें
Regret आत्म विकास के लिए मदद करता है
हमने अक्सर कई लोगों को यह कहते सुना है
कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। इससे वे अपने
आत्मविश्वास में वृद्धि महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि
पछताना उनकी कमजोरी को दर्शाता है, इसलिए वे
अपने दिल में कोई पछतावा नहीं रखते। कई लोग ऐसा करते हैं,
यहां तक कि कई हस्तियां भी। जी हाँ, आपने सही पढ़ा,
कई सेलेब्रिटीज भी इस तरह के बयान देते नजर आते हैं,
जी हाँ, आपने सही पढ़ा, कई सेलेब्रिटीज भी इस तरह के बयान देते नजर आते हैं,
जिस पर लिखा होता है “नो रिग्रेट”.
यानी उन्हें अपने जीवन में किसी भी काम के लिए कोई पछतावा नहीं है।
उनके मुताबिक, उन्होंने आज तक जो किया है वह परफेक्ट है, इसलिए उन्हें “नो रिग्रेट” का टैटू मिलता है। लेकिन हमारे हिसाब से पछताना इंसानी स्वभाव का हिस्सा है, तो यकीन मत कीजिए | , क्या हम इंसानी स्वभाव के खिलाफ नहीं जाएंगे? बहुत से लोग सोचते हैं कि पछताना एक बेवकूफी भरा काम है, उनके अनुसार हमें पछतावे को भूलकर हमेशा आगे देखना चाहिए।
आपके द्वारा किए गए कार्यों की बात करें तो हो सकता है कि कई ऐसी चीजें होंगी जिनका आज आपको पछतावा होगा।
उदाहरण के लिए, एडम एक बहुत ही होनहार लड़का था, वह एक बहुत अच्छा डांसर भी था, लेकिन वह बहुत शर्मीला था, और इस वजह से वह जल्दी से किसी के साथ घुलमिल नहीं पाता था। एक बार उनकी प्रतिभा को देखकर उनकी मां ने स्कूल की नृत्य प्रतियोगिता में उनका नाम लिखवा लिया, लेकिन एडम ने अपने शर्मीले स्वभाव के कारण उस प्रतियोगिता में भाग लेने से इनकार कर दिया, जिसके कारण किसी और ने वह नृत्य प्रतियोगिता जीती और साथ ही साथ एक छात्रवृत्ति भी। कि आदम को बाद में पछतावा हुआ।
तो पछताना न होना गलत मानसिकता है। आइए एक और उदाहरण लेते हैं, यदि आप एक खेल टीम पर दांव लगाते हैं और वह टीम हार जाती है, तो आपको उस पर अपना दांव लगाने का पछतावा होगा। पछतावा एक मानवीय भावना है जो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
इसलिए अगर आपको किसी बात का पछतावा है तो उसे खुलकर स्वीकार करें और उसके बाद आप खुद में बदलाव महसूस करेंगे कि आप अब कम अहंकारी और कम अहंकारी हो गए हैं क्योंकि आप अपनी कमियों पर ध्यान देते हैं और अगर कोई गलती हो जाती है तो आपको पछतावा होता है। उसके लिए। क्योंकि पछतावा आत्म-विकास के लिए मदद करता है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट को पढ़कर हम इस निष्कर्ष तक पहुंचे हैं कि कार्य चाहे
कैसा भी हो उसका संज्ञान लेना जरुरी है अन्यथा हो सकता है की
इस वजह से हमे भारी भरकम नुकसान उठाना पड़े और हम ज़िन्दगी भर केवल पछताते ही रह जाएँ।
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FAQ
Q.पछतावा होने पर क्या करें?
A. गलती के कारण होने वाले नुकसान को हम दूर नहीं कर सकते मगर पछतावा होने पर उस गलती को सुधारा जा सकता है यदि वो गलती पहले से ही आपका बहुत अधिक नुक्सान ना कर चुकी हो तो | अर्थात यदि आप किसी बात को लेकर पछतावा महसूस कर रहें हैं तो आप कोशिश करिये की उस गलती से होने वाले नुक्सान की भरपाई करें और भविष्य में ऐसी गलती दुबारा ना हो ऐसा निश्चय करें।
Q.पछतावा कब होता है?
A.पछतावा तब होता है जब आपको ये एहसास होता है की आपकी गलती के कारण आपका खुद का या किसी और का कितना नुकसान हो सकता था या हो चुका है। उस होने वाले या हो चुके नुकसान के एहसास के कारण हमे पछतावा होता है।
Q.पछतावा को इंग्लिश में क्या बोलेंगे?
A.पछतावे को इंग्लिश में Regret बोलते हैं
Q.किसी को उसकी गलती का एहसास कैसे दिलाएं?
A.किसी को उसकी गलती का एहसास तभी होता है जब उसे दूसरे
के दुख का एहसास होता है तो यदि सामने वाला आपके दुःख को समझता
है तो आप उससे सीधे सीधे जाकर भी बोल सकते हैं की आपको
उसकी बात सही नहीं लगी कोई भी समझदार इंसान आपकी बात की वजह को समझेगा और हो सकता है की उसे अपनी गलती का एहसास भी हो जाए।
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