क्या आप भी विद्यार्थी जीवन से गुज़र रहे हैं? अगर हाँ, तो आप भी एक सवाल से जूझ रहे होंगे (मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करूं?) ये सवाल हम में से बहुतों की परेशानी का कारण है। आज हम इस आर्टिकल के जरिये इस सवाल की पड़ताल करने जा रहे हैं। तो आइये आप और हम साथ मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे।
पढाई में मन क्यों नहीं लग रहा?
पढाई हमारे लिए क्या है? अगर आप थोड़ा सा गौर करें तो आप पाएंगे की पढाई हमारे लिए कुछ पाने का जरिया है। जैसे गाडी हमारे लिए एक जरिया है हमे हमारी मंज़िल तक पहुंचाने का। जब हम जीवन को इस तरह से यानि की भविष्य की सोच में जीना शुरू कर देते हैं तो परेशानी शुरू होती है, जबकि हम जानते हैं की जीवन को भविष्य में जीना एक बहुत बड़ी मूर्खता है।
हम पढाई भी इस लिए कर रहे हैं ताकि इससे भविष्य सुधर जाएगा, पर ये बड़े कमाल की बात है की भविष्य तो वर्तमान से ही निकला हुआ होता है। अगर आप अभी भी दुखी हैं तो भविष्य में भी दुखी ही रहेंगे। जीवन को बदलने के लिए वर्तमान बदलना होता है और इस तरह भविष्य बदलता है।
पढाई करने का मूल उद्द्येश पढाई नहीं है, इसलिए पढाई में मन नहीं लगता। आप सिनेमा हॉल में मूवी देखने जाते हैं, तो क्या मूवी देखने के पीछे आपका कोई और उद्देश्य होता है? बिलकुल नहीं। आप मूवी देखते हैं सिर्फ मूवी देखने के लिए और उसको पूरी तरह एन्जॉय करने के लिए, इसलिए आपका मन सिनेमा हॉल में लगा रहता है।
पढाई का बर्डन होगा ख़त्म, कैसे? आइये जानें
अगर आप पूरी ईमानदारी से अवलोकन करें तो आप पाएंगे की आप अपने भीतर एक पूरी व्यवस्था तैयार कर रहें हैं खुद से झूठ बोलने की। क्यूंकि सच दिखते ही एक नयी यात्रा, एक नयी खोज शुरू हो जाती है।
पढाई करने की पीछे कोई और उद्देश्य ना हो तो आप पाएंगे की आपका मन अपने आप पढ़ने में लग रहा है। इसलिए आपने देखा होगा की आपका मन अकादमिक किताबों से ज्यादा नावेल, मैगज़ीन इत्यादि पर लग जाता है। इसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की अकादमिक किताबें के पीछे कोई और मकसद होता है। उसके पढ़ने के पीछे मार्क्स, जॉब, इत्यादि की आकांशा होती है जबकि नावेल, मैगज़ीन इत्यादि किताबों को पढ़ने के पीछे कोई और मकसद नहीं होता।
आप ज़रा कल्पना करें की पढाई करना कितना रोमांचक हो सकता है, अगर आप के स्कूलों,
कॉलेज में एग्जाम की व्यवस्था हटा दिया जाए।
आप कहेंगे की एग्जाम के खत्म होने पर कोई भी पढ़ने में रूचि नहीं दिखायेगा, पर बात बिलकुल उलट है।
एग्जाम की व्यवस्था को हटाते ही असली पढाई शुरू होगी,
एक ऐसी पढाई जिसमे बर्डन नहीं होगा।
सिर्फ आज़ाद लहरें होंगी जो मनुष्य को अंदर से नयापन देंगी।
समाज में रचनात्मकता बढ़ेगी और जीवन को एक नई ऊंचाई पर ले जाने में हम सफल होंगे।
जरुरत है तो बस, पढाई को एक नए नज़रिये से देखने की
अभी मैं आपसे कहूं की आप पढाई करके सफल होना चाहते हैं और सफल होकर जो जो हासिल करना चाहते हैं,
वो सब मैं आपको उपलब्ध कराऊंगा, तो आपको तुरंत एक आज़ादी का अनुभव होगा।
आप अपने भीतर जीवन के रस को उमड़ते पाएंगे, आप अब भी पढाई करेंगे
लेकिन दूसरे ढंग से डरे हुए नहीं बल्कि आनंदित होकर।
पढाई जरुरी है पर आप पढाई करके क्या पाना चाहते हैं?
इन सवालों को ईमानदारी से पूछ लेना जरुरी है।
समाज में एक बुद्धिमान और ज़िम्मेदार नागरिक होने के लिए पढाई जरुरी है
पर पढाई जब तक आप के लिए एक बड़े उद्देश्य का साधन मात्र रहेगा
तब तक आप पाएंगे की आपका मन आपका साथ नहीं दे रहा।
जरुरी है की आप पढाई को एक नए नज़रिये से देखें और
पढाई को सिर्फ संसाधनों को पाने का जरिया मात्र मत बनाइये,
बल्कि पढाई को रोमांच के अनुभवों में पिरोइये।
पढाई में मन कैसे लगाएं ?
- सही चुनाव – आपने जिन भी विषयों का चुनाव किया है, वो बहुत सजगता से किया होना चाहिए।
- आपको उन विषयों में अगर रस है और आप उन विषयों को सिर्फ नौकरी या मार्क्स पाने के उद्देश्य नहीं पढ़ रहें हैं
- तो आपने सही चुनाव किया है।
- पढाई सिर्फ नौकरी पाने के लिए नहीं होती
- और जिस दिन आप ये पूरी तरह समझ जाएंगे उसी दिन से पढाई में आपका मन लगने लगेगा।
- ब्रेक भी है जरुरी – अक्सर ऐसा होता है की जीवन में हम एक ही ढर्रे पर चलते रहते हैं और जल्द ही हम बोर हो जाते हैं।
- एक ही विषय पढ़ते-2 बोर हो जाते हैं।
- ऐसी स्तिथि में जरुरी है की आप एक वेकेशन ले लें,
- एक बड़ा ब्रेक जरुरी होता है एक बड़े बदलाव के लिए।
- ब्रेक लेने में जरा भी ना हिचकिचाइए क्यूंकि ब्रेक आपके अंदर एक नया उत्साह भर देगा।
हर दिन कुछ नया ट्राई करें
- कुछ नया जोड़ें अपने रूटीन में – खेल, म्यूजिक, डांस इत्यादि जैसे कुछ नए रचनात्मक क्रियाओं को अपनी दिनचर्या में जरूर जोड़ें।
- रचनात्मकता आपके जीवन ऊर्जा को उप्पर ले जाता है और ये जरुरी है आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए।
- Emotional well-being के लिए जरुरी है की आप खुद को किसी रचनात्मक कामों में शामिल कर लें,
- नई चीज़ों को सीखने में ज़रा भी ना हिचकिचाइए।
- पर हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं की ये सब करने से पढाई पर प्रभाव पड़ेगा।
- पर ऐसा नहीं है, जीवन को सभी आयामों में पूर्ण करने में ही आप खुद को नई संभावनाओं की तरफ ले जा सकते हैं।
- आप ये खुद भी देख सकते है की जो लोग पढाई में अच्छे होते हैं वो बहुत से कामों में अच्छे होते हैं।
- छोटे- छोटे लक्ष्य बनाइये – आप अपनी पढाई के लिए शुरुआत में ही बड़े बड़े लक्ष्य बनाते हैं
- और कई बार आप असफल हो जाते हैं और ये आपके Will Power को क्षति पहुंचता है,
- जरुरी है की आप छोटे- छोटे लक्ष्य बनाएं जिससे आपका आत्म विश्वास बना रहेगा।
Conclusion
पढाई में मन नहीं लग रहा, तो ये साधारण बात है, क्यूंकि हममें से अधिकतर लोग ये महसूस करते हैं।
याद रहे, आपको अपने मन से लड़ना नहीं है बल्कि निगोशिएट करना है। ये ही राज है,
जीवन में युद्ध जितना कम हो ऊर्जा उतनी ही किसी रचनात्मक कामों में लगती है
और खुद से लड़के कभी कोई नहीं जीता।
पढाई एक रोमांचक और आनंद से भरा हुआ काम हो सकता है अगर आप सिर्फ किसी और मकसद के लिए नहीं पढ़ रहें है।
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